बिहार बोर्ड की परीक्षाएं हर साल लाखों छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होती हैं। इन परीक्षाओं में पास होने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं।
यह नियम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा निर्धारित किया गया है और यह सभी विषयों पर लागू होता है, चाहे वह थ्योरी हो या प्रायोगिक।
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में मैट्रिक (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) दोनों स्तरों पर छात्रों को पास होने के लिए इन न्यूनतम अंकों की आवश्यकता होती है। यदि कोई छात्र इस न्यूनतम अंक सीमा को प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे फेल घोषित कर दिया जाता है।
हालांकि, बिहार बोर्ड छात्रों को स्क्रूटनी और कंपार्टमेंटल परीक्षा के माध्यम से भी दूसरा मौका देता है ताकि वे अपने अंकों में सुधार कर सकें।
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में ग्रेस मार्क्स भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि कोई छात्र किसी विषय में 1 से 5 अंकों के कारण फेल हो जाता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स देकर पास किया जा सकता है। यह नियम उन छात्रों के लिए भी लागू होता है जो अपनी डिवीजन में सुधार करना चाहते हैं।
बिहार बोर्ड रिजल्ट 2025 पासिंग मार्क्स:
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में पास होने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं। यह नियम सभी विषयों पर लागू होता है, चाहे वह थ्योरी हो या प्रायोगिक।
विवरण | जानकारी |
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पासिंग मार्क्स | प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक |
परीक्षा स्तर | मैट्रिक (10वीं) और इंटरमीडिएट (12वीं) |
ग्रेस मार्क्स | 1-5 अंकों के कारण फेल होने पर दिया जाता है |
स्क्रूटनी | फेल होने पर दोबारा कॉपी जांच का विकल्प |
कंपार्टमेंटल परीक्षा | एक या दो विषय में फेल होने पर दूसरा मौका |
रिजल्ट घोषणा | अप्रैल 2025 (मैट्रिक), मार्च 2025 (इंटरमीडिएट) |
आधिकारिक वेबसाइट | biharboardonline.com |
परीक्षा तिथियां | मैट्रिक: 17-25 फरवरी 2025, इंटरमीडिएट: 1-15 फरवरी 2025 |
बिहार बोर्ड पासिंग मार्क्स की पूरी प्रक्रिया:
- प्रत्येक विषय में 33% अंक प्राप्त करें: सभी विषयों में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
- थ्योरी और प्रायोगिक दोनों में पास हों: यदि कोई विषय प्रायोगिक परीक्षा भी शामिल करता है, तो दोनों में पास होना आवश्यक है।
- ग्रेस मार्क्स का लाभ उठाएं: यदि 1-5 अंकों के कारण फेल हो जाएं, तो ग्रेस मार्क्स का लाभ उठा सकते हैं।
- स्क्रूटनी या कंपार्टमेंटल परीक्षा का विकल्प चुनें: यदि फेल हो जाएं, तो स्क्रूटनी या कंपार्टमेंटल परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं।
बिहार बोर्ड रिजल्ट देखने की प्रक्रिया:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट (biharboardonline.com) पर जाएं।
- रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें: होम पेज पर रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें।
- जानकारी दर्ज करें: रोल कोड और रोल नंबर दर्ज करें।
- कैप्चा कोड भरें: कैप्चा कोड भरें और सबमिट करें।
- रिजल्ट देखें और प्रिंट निकालें: रिजल्ट देखें और भविष्य के लिए प्रिंट निकाल लें।
बिहार बोर्ड पासिंग मार्क्स के लाभ:
- पारदर्शिता: पासिंग मार्क्स की प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी है।
- समान अवसर: सभी छात्रों को समान अवसर मिलते हैं।
- ग्रेस मार्क्स: छात्रों को ग्रेस मार्क्स के माध्यम से दूसरा मौका मिलता है।
- स्क्रूटनी और कंपार्टमेंटल परीक्षा: फेल होने पर दूसरा मौका मिलता है।
बिहार बोर्ड पासिंग मार्क्स में सुधार
बिहार बोर्ड की पासिंग मार्क्स प्रणाली में निरंतर सुधार हो रहा है। छात्रों को ग्रेस मार्क्स और स्क्रूटनी के माध्यम से दूसरा मौका दिया जाता है, जिससे वे अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं। यह प्रणाली छात्रों को प्रोत्साहित करती है और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती है।
बिहार बोर्ड रिजल्ट 2025 की तैयारी के लिए सुझाव
- नियमित अध्ययन: नियमित रूप से पढ़ाई करें और अपने समय को अच्छे से मैनेज करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें ताकि परीक्षा के पैटर्न का अंदाजा हो सके।
- विषय की गहराई: अपने कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान दें और उन्हें अच्छे से समझने का प्रयास करें।
- तनाव मुक्त रहें: परीक्षा के दौरान तनाव मुक्त रहें और अपने प्रदर्शन पर ध्यान दें।
निष्कर्ष
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में पास होने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं। यह प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी है और छात्रों को ग्रेस मार्क्स और स्क्रूटनी के माध्यम से दूसरा मौका देती है।
बिहार बोर्ड की परीक्षाएं छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होती हैं और इनमें सफलता प्राप्त करने से उनके भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है।
Disclaimer: बिहार बोर्ड की पासिंग मार्क्स प्रणाली एक वास्तविक और पारदर्शी प्रणाली है, जिसमें छात्रों को प्रत्येक विषय में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करने होते हैं। यह प्रणाली छात्रों को ग्रेस मार्क्स और स्क्रूटनी के माध्यम से दूसरा मौका देती है, जिससे वे अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि परीक्षा के नियम और तिथियां समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट लेना चाहिए।